समुद्र में बढ़ी भारतीय नौसेना की ताकत: INS ‘तुशील’ का अनावरण

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INS ‘तुशील’ में दुश्मन पंडुबियों से निपटने के लिए राकेट लाँचर से लैस होगा।

INS ‘तुशील’ हुआ भारतीय नौसेना मे शामिल
INS ‘तुशील’ हुआ भारतीय नौसेना मे शामिल

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने द्विपक्षीय रूस यात्रा पर है। इस दौरान 9 दिसंबर को वे कैलिनिनग्राद पँहुचे जहाँ उन्होंने औपचारिक रूप से मिशन SAGAR के अंतर्गत INS ‘तुशील’ को भारतीय नौसेना मे शामिल किया। INS ‘तुशील’ अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित युद्धपोत है । जिसका निर्माण भारत और रूस के साझा सहयोग से किया गया है।

इस जहाज का अनावरण करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा – INS ‘तुशील’ भारत कि बढ़ती समुद्री ताकत का एक गौरवपूर्ण प्रमाण है। जिससे हिन्द महासागर क्षेत्र में सामूहिक सुरक्षा , समुद्री सहयोग और सतत प्रयास के बीच भारत अपने रक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है , जिसमें रूस का सहयोग मील का पत्थर साबित होगा।

इस जहाज का निर्माण 2016 में हुए भारत और रूस के साथ एक समझौते के तहत हुआ है। जिसकी कीमत 2.5 अरब अमेरिकी डालर है। यह जहाज पलक झपकते ही दुश्मन बेड़े को नेस्तनाबूद करने कि क्षमता रखता है। जो कि विशेष रूप से रडार से बचकर निकलने और मिसाइल क्षमता से लेस है। गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में हिन्द महासागर में चीन कि गतिविधियां बढ़ी है। इसलिए इस जंगी जहाज का इंडियन नेवी में शामिल हो जाने से दक्षिणी हिस्सा में भारत कि ताकत और ज्यादा बढ़ेगी।

भारतीय नौ सेना कि बढ़ेगी ताकत

यह अत्याधुनिक तकनीक से लैस जहाज है जो अधिकतम 59 किलोमीटर प्रति घंटा कि रफ्तार से चल सकता है। जिससे हिन्द महासागर में युद्ध जैसी स्थति से निपटने के लिए INS ‘तुशील’ निर्णायक साबित हो सकता है। इसका कुल वजन 3900 टन है जो कि 125 मीटर लंबा है। INS ‘तुशील’ में इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम के साथ 24 मध्यम रेंज के मिसाइल शामिल किए गए हैं । जिससे माध्यम रेंज के टारगेट को भेदने में आसानी होगी। इस जहाज में ऑन बोर्ड 18 अधिकारी के साथ साथ 180 सैनिक युद्ध पर जा सकते हैं । जो कि 30 दिनों तक बिना थल मे आए इस जहाज पर ही रह सकते हैं।

क्या है खासियत ?

जहाज कि सबसे खास बात है कि इसमें आठ ब्रम्होस मिसाइल लांच करने के लिए एंटी शिप क्रूज मिसाइल , 100 मिलीमीटर कि तोप और दुश्मन से लांच कि जाने वाली मिसाइल के बचाव के लिए रक्षा ढाल दिया गया है ।

INS ‘तुशील’ में दुश्मन पंडुबियों से निपटने के लिए राकेट लाँचर से लैस होगा। जिसमें एडवांस नेविगेशन सिस्टम , रडार सिस्टम , फायर कंट्रोल सिस्टम , इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट जैसे फीचर्स को शामिल किया गया है।

युद्धपोत के आनबोर्ड फीचर्स में जल से ही हवा में टारगेट को निशाना बनाने कि क्षमता है। जिसमें हवा से आ रहे मिसाइलों को रोकने के लिए रडार सिस्टम द्वारा संचालित सुरक्षा कवच है। जिससे न सिर्फ दुश्मन को नेस्तनाबूद करने कि क्षमता रखता है इसके अलावा खुद कि रक्षा करने में भी सक्षम है ।

निश्चित रूप से इस युद्धपोत के शामिल हो जाने के बाद भारतीय नौ सेना हिन्द महासागर में काफी मजबूत हो जाएगी। जो कि भारत का रूस के साथ आपसी सहयोग और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा।

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